शनिवार, 21 अप्रैल 2018

आवश्‍यक निर्देश


                    आवश्‍यक निर्देश
  नि:शुल्‍क कोर्स करने वाले सभी छात्रों को सूचित किया जाता है कि हमारे द्वारा चलाये जाने वाले नि:शुल्‍क कोर्स आप के ज्ञानवर्धन हेतु संचालित है । यदि आप किसी कौन्‍सिल या पंजियन बोर्ड से इन कोर्स की परिक्षा आदि देते है तो हमे किसी प्रकार की अपत्ति नही है , आप जिस संस्‍थान से चाहे इसका पंजियन या परिक्षा आदि दे सकते है । हमारे कोर्स को स्‍थानीय समन्‍वयकों द्वारा स्‍थानीय भाषाओं में ट्रान्‍सलेट किया है एंव कुछ लेखकों छात्रों द्वारा इन्‍हे पाठयक्रम के हिसाब से तैयार किया है ।
  नि:शुल्‍क कोर्स दो चरणों में पूरे किये जाते है पहले चरण में पाठय सामग्रीयॉ छात्र के मेल एड्रेस पर भेजी जाती है जो किस्‍तो में प्रत्‍येक भेजी गयी किस्‍तों की परिक्षा पास करने पर आगे की पाठय सामग्री भेजी जाती है । इस प्रकार से कोर्स की अवधि लगभग एक वर्ष है । द्वितिय चरण में प्रेक्‍टीकल प्रशिक्षण दिया जाता है । इस  प्रेक्टिक प्रशिक्षण में वही छात्र प्रशिक्षण हेतु योग्‍य होते है जिन्‍होने सौद्धान्तिक विषयों की वार्षिक परिक्षा उत्‍तीर्ण की हो , जिस नगर मे 25 छात्र होते है वहॉ पर यह नि:शुल्‍क प्रशिक्षण कैम्‍प आयोजित किया जाता है । जहॉ कही 25 से कम छात्र होते है वहॉ के छात्रों को आस पास के नगर में प्रेक्टिकल प्रशिक्षण हेतु आमंत्रित किया जाता है ।
 नि:शुल्‍क कोर्स हेतु छात्र को यह प्रयास करना चाहिये कि वह अपने नगर में इस कोर्स हेतु कम से कम 25 छात्रों को इसमें प्रवेश दिलाने हेतु प्रोत्‍साहित करे ताकि उस नगर में प्रेक्टिकल प्रशिक्षण की व्‍यवस्‍था की जा सके । इस प्रकार समूह बनाने से एक लाभ यह भी होता है कभी कभी कुछ छात्रों को हमारे द्वारा भेजे गये मेल नही मिलते यदि वे आप में एक दूसरे के सम्‍पर्क में होगे तो यह समस्‍या नही होगी साथ ही समूह में रहने से एक तो नि:शुल्‍क प्रशिक्षण का लाभ अपने ही नगर में उठाया जा सकता है दुसरा इसके कई विषय ऐसे है जिनका प्रेक्टिकल छात्र स्‍वय एक दूसरे पर कर सकते है ।
   नि:शुल्‍क कोर्स के प्रेक्‍टिकल के कुछ वीडियों अपलोड है उसका भी लाभ उठाया जा सकता है इससे आपको प्रेक्टिकल ज्ञान हो जायेगा ।
   संस्‍था की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि प्रत्‍येक छात्र को कम से कम तीन छात्रों को इस नि:शुल्‍क कोर्स में प्रवेश दिलाने पर ही उन्‍हे इस नि:शुल्‍क कोर्स में प्रवेश दिया जायेगा । इसका प्रमुख कारण यह है कि कई नगरों में मात्र एक दो छात्र प्रवेश लेकर अध्‍ययन तो कर लेते है परन्‍तु उनकी सख्‍या 25 छात्रों से कम होने पर वे प्रेक्टिकल प्रशिक्षण से अनभिज्ञ रह जाते है इससे हमारे द्वारा संचालित कोर्स का टारगेट पूरा नही होता एंव छात्र की महनत भी बेकार चली जाती है ।

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