शुक्रवार, 10 फ़रवरी 2017

सौन्‍र्द्धर्य समस्‍याओं के निदान में इलैक्‍ट्रो होम्‍योपैथिक

          सौन्‍र्द्धर्य समस्‍याओं के निदान में इलैक्‍ट्रो होम्‍योपैथिक
    सौन्‍र्द्धर्य समस्‍याओं के निदान में इलैक्‍ट्रो होम्‍योपैथिक की अहम भूमिका है । इस चिकित्‍सा पैथी में केवल 38 मुख्‍य औषधियॉ है  तथा इन्‍हे ही आपस में मिला कर जो औषधियॉ बनाई गयी है उसे मिश्रित औषधियॉ कहते है । इस चिकित्‍सा पैथी का आविष्‍कार बलगोना के डॉ0 काउन्‍ट सीजर मैटी द्वारा किया गया था । ब्‍यूटी क्‍लीनिक में सौन्‍र्द्धय समस्‍याओं के निदान में इस चिकित्‍सा पैथी का उपयोग बडे ही आशा एंव विश्‍वास के साथ किया जा रहा है एंव इसके परिणाम भी आशानुरूप प्राप्‍त हो रहे है । चूंकि इस चिकित्‍सा पद्धति की दबाये हर्बल है इस लिये इससे किसी भी प्रकार के नुकसान या फिर साईड इफेक्‍ट की संभावना नही रहती इस लिये ब्‍युटी क्‍लीनिक के कोर्स में इसे शामिल किया गया है । त्‍वचा रोग हो या फिर त्‍वचा अपनी स्निग्‍धता ,कोमलता, स्‍वाभाविकता खो रही हो ,या फिर त्‍वचा पर दॉग धब्‍बे जैसी समस्‍याओं के निदान हेतु ए0पी0पी0 ,सी-5 एस-5 दबा का प्रयोग किया जाता है ।  प्रसव पश्‍चात अधिकाश स्‍त्रीयों के पेट पर  स्‍ट्रेचमार्क के निशान ,बन जाते है साथ ही पेट के आस पास की त्‍वचा लटक जाती है इस समस्‍या के निदान हेतु सी-5 एस-5 तथा ए0पी0पी0 दबा की सम मात्रा को पेट्रोलियम जैली जिसे बेसलीन कहते मिला कर उसका प्रति दिन मिसाज करने से स्‍ट्रचमार्क के निशान ठीक हो जाते है एंव लटका हुआ पेट ठीक हो जाता है साथ ही पेट की त्‍वचा मुलायम स्निगध गोरी हो जाती क , मस्‍से, मुंहासे ,ब्‍लैक हैड जैसी समस्‍याओं के निदान हेतु सी-5 ए0पी0पी0 को बेसलीन में मिलाकर प्रति दिन लगान से उक्‍त समस्‍याओं का निदान आसानी से हो जाता है ।
बालो के झडने व समय से पहले सफेद होने की समस्‍या हेतु एस-1 ,सी-5 का प्रयोग किया जाता है । नाभी को आकृषक गहरा करने के लिये सी-15 एंव बी ई का प्रयोग किया जाता है
 आज के इस आधुनिक दौर में जहॉ सौन्‍र्द्धय ही सब कुछ है वही युवा वर्ग द्वारा शरीर के कई आकृषक हिस्‍सों में पिर्यसिंग कराई जाती है पिर्यसिंग करते समय बी0 ई0 दबा को कार्टन में लगा कर पिर्यसिग वाली जगह पर लगाने से र्दद कम होता है तथा रक्‍त स्‍त्राव नही होता क्‍योकि इस औषधी से रक्‍त स्‍त्राव रूक जाता है इसी लिये ब्‍लू इलैक्‍ट्रीसिटी का प्रयोग जहॉ रक्‍त स्त्राव हो रहा हो तब इसका प्रयोग किया जाता है पिर्यसिंग से होने वाले र्दद व धॉवों के उपचार में सी-5 ,जी ई का प्रयोग किया जाता है इससे धॉव जल्‍दी भर जाते है । समय से पूर्व त्‍वचा पर झुरूरीयों के निदान हेतु सी-5 एस-5 तथा ए0पी0पी0 को बराबर मात्रा में लेकर बेसलीन में लगाने से इस समस्‍या का निदान हो जाता है ।
सी-5 इस दबा का पूरा नाम कैंसरोस है यह कैसरोस समूह की पॉचवे नम्‍बर की दबा है इस दबा का कार्य त्‍वचा को स्निगध साफ कोमन करना है इसका प्रभाव सेल्‍स एंव फाईबर पर होता है अत: त्‍वचा पर दॉग धॅब्‍बे हो या त्‍वचा का रंग परिवर्तित हो रहा हो तब किया जा सकता है इसे दबा के रूप में खिलाया भी जाता है एंव साथ ही त्‍वचा पर इसका मलहम बना कर लगाया भी जा सकता है । कैंसर या धॉव ,तथा सैल्‍स ,कोषिकाओं की समस्‍याओं के निदान में इस दबा का प्रयोग किया जाता है ।
एस-5 इस दबा का पूरा नाम  स्‍क्रोफोलोसोस पाईब  है ,यह दबा स्‍क्रोफोलोसोस समूह की पॉचवी औषधि है इसका कार्य भी सी पाईव की ही तरह है ।

ए0पी0पी0 इस औषधि का पूरा नाम अकवा पेरीला पेली है इसे त्‍वचा जल भी कहते है क्‍योकि इसका प्रयोग त्‍वचा को गोरी स्निंग्‍ध ,मुलायम ,एंव साफ बनाने में किया जाता है इसके प्रयोग से त्‍वचा के दॉग धब्‍बे ,रंग परिवर्तन, मस्‍से, मुंहासे, ब्‍लैक हैड ,जैसी समस्‍याओं का निदान हो जाता है इस दबा का प्रयोग मलहम बना कर भी किया जा सकता है । त्‍वचा पर झुरूरीयॉ पडने पर भी इसका प्रयोग किया जाता है । बी0ई0 इसे ब्‍लु इलैक्‍ट्रीसिटी कहते है इलेक्‍ट्रोहोम्‍योपैथी में पॉच प्रकार की बिजलीया है ,जिनके नाम इस प्रकार है बाईट इलैक्‍ट्रीसिटी, रेड इलैक्‍ट्रीसिटी, ब्‍लु इलैक्‍ट्रीसिटी, ग्रीन इलैक्‍ट्रीसिटी,यलो इलैक्‍ट्रीसिटी,

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