नाभी संवेदना उपचार
सुखानुभूति उपचार
से मानसिक रोगों का उपचार :- चीन व जापान एंव अब तो यह कहने में किसी प्रकार का
संकोच नही है कि संमृद्धशाली राष्ट्रों में सुखानुभूति उपचार काफी फल फूल रहा है
। सुख के अनुभव से कई प्रकार के मानसिक रोगों का उपचार किया जा सकता है जिसमें पागलपन,
हिस्टीरिया, मिरगी, तनाव, हत्या,या आत्महत्या का विचार, फोबिया ,आदि से लेकर
अब तो शारीरिक बीमारीयों का उपचार भी किया जाने लगा है एंव इसके आशानुरूप परिणाम
भी सामने आ रहे है । सुख के अनुभव से हमारे शरीर में सेरोटोनिन एंव डोपामाइन हार्मोस
सक्रिय होते है, इससे हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है ।अब सवाल
उठता है कि सुखानुभूति उपचार कैसे किया जाये । मनोवैज्ञानिकों ने पाया कि हमारे शरीर
की छोटी से छोटी कोशिकाओं में सुख की अनुभूति को ग्रहण करने की क्षमता है ,इस ग्रहण
किये जाने वाली अनुभूति को वह मस्तिक को भेजता है । जिससे भावनात्मक हार्मोंस सेरोटोनिन
एंव डोपामाइन सक्रिय हो जाते है । इस उपचार प्रक्रिया में शरीर के सबसे संवेदन शील
हिस्से को सहलाया जाता है जिसमें प्रमुख रूप से नाभी है क्योकि नाभी में 72000 नाडीयों
का केन्द्रक पाया जाता है । इस छोटी सी नाभी को सहलान के लिये किसी बारीक बस्तु का
प्रयोग किया जाता है एंव पूरे पेट पर पक्षियो के पंख से सहलाया जाता है । जापान व चीन में पक्षियों के पंख एंव पेंसिल जैसी
नुकीली वस्तु को धीरे धीर महिन स्पर्श कराया जाता है तथा रोगी को ऑख बन्द कर सोने
का आदेश दिया जाता है रोगी नाभी के अन्दर हो रहे स्पर्श की संवेदना को महशूस करता
है एंव उसे सुख की अनुभूति होती है भावनात्मक हार्मोस के सक्रिय होते ही वह अनन्द
में खोता चला जाता है । मानसिक रोगीयो में जो मानसिकता उसके मस्तिष्क में स्टोर होती
है वह इस सुखानुभूति की वजह से धीरे धीरे लुप्त होने लगती है । इस आनन्द की अनुभूति
पुराने स्टोर को खत्म कर देती है एंव नयी इस आनन्द की अनुभूति उसके मस्तिष्क में
स्टोर हो जाती है इससे उसके शरीर मे एक तो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ जाती है । वह इस
उपचार के बाद अपने आप को स्फूर्तिवान , तरोताजा महसूस करने लगता है । पहले उसे जो
शिकायेते थी जैसे तनाव ,भूख न लगना ,चिडचिडापन , किसी भी प्रकार का डर , हिस्टीरिया
,मिर्गी ,पागलपन ,हत्या या आत्महत्या का विचार , कामचोरी की प्रवृति , याददास्त
का कम होना ,आदि में इस उपचार से काफी लाभ होता है ।
मानसिक बीमारीयॉ ही नही बल्की शारीरिक कई प्रकार की बीमारीयों
में इसके बडे ही अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे है । इस उपचार को नाभी संवेदना उपचार
भी कहॉ जाता है ।
H:\BC-वर्ष
2018-19\N- Chikitsa\N-चिकित्सा\N-SuKhnubhuti Upchar Osho.doc
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