व्यर्थ
सी दिखने वाली नाभी का महत्व
आज
मुख्यधारा की मॅहगी चिकित्सा उपचार के भंवरजाल से परेशान जन सामान्य एक ऐसी
प्राकृतिक उपचार विधि की शरण में जा रहा है जिसे हम सभी नाभी चिकित्सा के नाम से जानते है इसकी
उपयोगिता एंव आशानुरूप परिणामों ने इसे
विश्व के हर कोने में चर्चा का विषय बना दिया है । परन्तु नाभी चिकित्सा
हमारे देश की धरोहर है इसके महत्व को हम न समक्ष सके परन्तु विदेशी बौद्य भिक्षु
ने इसके महत्व को समक्षा बिना दवा दारू के प्राकृतिक तरीके से रोगों को पहचानना
,एंव उपचार के आशनुरूप परिणामों ने इसे जापान व चीन में ची नी शॉग उपचार के नाम से
स्थापित किया । नाभी चिकित्सा विश्व के हर कोने में किसी न किसी नाम से प्रचलन
में है ।
मानव शरीर में व्यर्थ सी दिखने वाली नाभी ,
हमारे रोज मर्ज के बोल चाल की भाषा में कई बार ना भी शब्द का उपयोग होते हुऐ भी,
इस शब्द का महत्व उसी तरह से लुप्त प्राय: है जैसा कि हमारे शरीर में व्यर्थ
सी दिखने वाली नाभी का है । नाभी ना अर्थात नही , भी अर्थात हॉ के सम्बोधन से
मिलकर बना एक ऐसा शब्द है जिसका अर्थ ना और हॉ मे होता है ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार
से नाभी हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग होते हुऐ भी जन सामान्य इसे अनुपयोगी
समक्षता है ऐसे व्यक्ति इसके प्रथम अक्षर ना का प्रतिनिधित्व करने वाले है ।
इसके दूसरे अक्षर भी अर्थात हॉ के सम्बोधन का प्रतिनिधित्व करने वाला समुदाय
जिनकी संख्या अगुलियों पर गिनी जा सकती है इसके महत्व को समक्षता है । हम प्राय:
अपने बोल चाल की भाषा में कहते है, ना भी जाओं तो चलेगा , ना भी हो तो चलेगा आदि
आदि ऐसे वाक्य है जिसमें नाभी शब्द का कई बार उपयोग हम अंजाने में कर जाते है
परन्तु अंजाने में किये गये इस धारा प्रवाह वाक्य
का कितना महत्व है इस पर कभी विचार ही नही किया जाता , ठीक इसी प्रकार से हमारे
शरीर में दिखने वाली व्यर्थ सी नाभी को हम प्राय: महत्व नही देते जबकि आज मुख्यधारा
की चिकित्सा पद्धतियों के नये शोध व परिक्षणों ने यह बात सिद्ध कर दी है कि स्टैम्प
सैल्स अर्थात नाभी की कोशिकाओं से कई असाध्य से असाध्य बीमारीयों का उपचार किया
जा सकता है चिकित्सा विज्ञान का माना है कि बच्चे का जन्म इन्ही स्टैम्म
सैल्स से होता है इन स्टम्म सैल्स के पास शरीर के विभिन्न अंगों के निर्माण
की सूचना संगृहित होती है एंव ये छोटी से छोटी कोशिकाये अपनी संसूचना के अनुरूप
शरीर के विभिन्न अंगों का निर्माण करती है । जैसे कोई हडियों का सैल्स है तो उसे
हडियों का निर्माण करना है यदि किसी सेल्स के पास यह जानकारी है कि उसे शरीर का
कोई विशिष्ट अंग का निर्माण करना है तो वह उसी अंग का निर्माण करेगा ।
सदियों पूर्व से हमारे भारतवर्ष में परम्परागत
उपचार विधियों में , नाभी से उपचार की कई बाते देखने को मिल जाती है परन्तु दु:ख
तो इस बात का है कि ऐसी जानकारीयॉ एक जगह पर संगृहित नही है चंद जानकार व्यक्तियों
ने इसे अपने धन और यश का साधन बना रखा था एंव उनके जाने के बाद यह जानकारी उनके
साथ चली गयी । यहॉ पर मै कुछ उदाहरणों पर प्रकाश डालना चाहूंगा जो इसके महत्व को
र्दशाते है । जैसे ओठों के फटने पर हमारे बडे बुर्जुग कहॉ करते थे नाभी पर सरसों
का तेल लगा लो इससे ओठ नही फटेगे , पेशाब का न होने पर नाभी में चूहे की लेडी
लगाने से पेशाब उतर जाती है , गर्भवति महिला को प्रशव में अधिक पीडा होने पर दाई
अधाझारे की जड नाभी पर लगा देती थी , इससे प्रसव आसानी से बिना किसी तकलीफ के हो
जाया करता था , ऐसे और भी कई उदाहरण हमे देखने को मिल जाते है । इसी प्रकार का एक
उदाहरण और है जिसका प्रयोग चीन व जापान की परम्परागत उपचार विधि में सौन्र्द्धय
समस्याओ के निदान में किया जा रहा है इसमें नाभी के अन्दर जमा मैल को रेक्टीफाईड
स्प्रीट में निकाल कर इसका प्रयोग उसी मरीज की त्वचा पर करने से त्वचा स्निंग्ध
मुलायम चमकदार हो जाती है साथ ही शरीर पर झुर्रीयॉ व त्वचा के दॉग धब्बे ठीक हो
जाते है ,उनका कहना है कि इसके नियमित प्रयोग से त्वचा में निखार के साथ रंग साफ
गोरा होने लगता है । खैर जो भी हो, नाभी के महत्व को नकारा नही जा सकता । हमारे
प्राचीन आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में कहॉ गया है कि नाभी पर 72000 नाडीयॉ होती
है । नाभी पर मणीपूरण चक्र पाया जाता है इसकी साधना से असीम शक्तियॉ प्राप्त की
जा सकती । नाभी चिकित्सा हमारे देश की धरोहर थी, परन्तु इसे हम सम्हाल न सके ,
मुख्यधारा की चिकित्सा पद्धतियों ने तो इसे अवैज्ञानिक एंव तर्कहीन कहॉ परन्तु
, हमारा पढा लिखा सभ्य समाज जो पश्चिमोन्मुखी विचारधारा के अंधानुकरण का अनुयायी
था उसने भी बिना इसकी उपयोगीता को परखे इसे महत्वहीन कहना प्रारम्भ कर दिया । इसी
का परिणाम है कि आज मुख्यधारा की चिकित्सा पद्धतियों के भवर जाल में उलझ कर मरीज
इतना भ्रमित हो चुका है कि उसे यह समक्ष में नही आता कि उपचार हेतु किस चिकित्सा
की शरण में जाये । पश्चिमोन्मुखी विचारधारा के अंधानुकरण ने कई जनोपयोगी, उपचार
विद्याओं को अहत ही नही किया बल्की उनके अस्तित्व को भी खतरे में डाल रखा है । स्वस्थ्य,
दीर्ध,आरोग्य जीवन एंव रोग उपचार हेतु सदियों से चली आ रही उपचार विद्याओं का
सहारा लिया जाता रहा है और इसके सुखद एंव आशानुरूप परिणाम भी मिले है । परन्तु
दु:ख इस बात का है कि इन उपयोगी उपचार विधियों पर न तो हमने कभी शोध कार्य किया न
ही इसकी उपयोगिता को परखने का दु:साहस किया । नाभी उपचार प्रक्रिया से कई उपचार
विधियों का सूत्रपात समय समय पर हुआ है जैसे चीन व जापान की एक ऐसी परम्परागत
उपचार विधि है जिसमें बिना किसी दवादारू के मात्र नाभी एंव पेट के आंतरिक अंगों को
प्रेशर देकर मिसाज कर उसे सक्रिय कर जटिल से जटिल रोगों का उपचार सफलतापूर्वक किया
जा रहा है । इस उपचार विधि का नाम है ची नी शॉग उपचार यह उपचार विधि भी हमारे देश
की नाभी चिकित्सा की देने है हमारे यहॉ नाभी परिक्षण कर टली हुई नाभी को यथास्थान
लाकर उपचार किया जाता रहा है इस उपचार विधि में भी इसी सूत्र का पालन किसी न किसी
रूप में किया जाता है अत: हम कह सकते है कि ची नी शॉग उपचार विधि हमारे देश की ही
देन है जिसे जापान व चीन के भिझुओं ने समक्षा व इसे अपने साथ ले गये तथा एक नये
नाम से इस उपचार विधि ने चीन व जापान में अपना एक अलग स्थान बनाया । ची नी शॉग
उपचार विधि से रोग उपचार के साथ शरीर की सर्विसिंग भी की जाती है आज कल फाईब स्टार
होटलो में पेट की जो मिसाज प्रक्रिया शरीर की सर्विसिंग व पेट को स्वस्थ्य रखने
के लिये की जा रही है वह वह यही उपचार विधि है । ची नी शॉग पार्लर भी तेजी से
खुलते जा रहे है । नाभी उपचार में नेवल एक्युपंचर एंव नेवल होम्योपंचर की भी एक
अहम भूमिका है चूंकि एक्युपंचर चिकित्सा में संम्पूर्ण शरीर में हजारों की संख्या
में एक्युपंचर पाईट पाये जाते है इन एक्युपंचर पाईट को खोजना उपचारकर्ता के समक्क्ष
एक बडी समस्या होती है फिर शरीर के कुछ ऐसे नाजुक अंग जिन पर सूईया चुभाना कठिन
कार्य है इसी प्रकार होम्योपैथिक में हजारों की संख्या में होम्योपैथिक की
शक्तिकृत दवाये होती है जिसका निर्वाचन रोग लक्षणों के हिसाब से करना चिकित्सको
के लिये कठिन कार्य होता है । होम्योपैथिक एंव एक्युपंचर की साझा चिकित्सा को
होम्योपंचर उपचार कहते है । नेवेल एक्युपंचर चिकित्सा में नाभी के आस पास शरीर
के सम्पूर्ण एक्युपंचर पाईट पाये जाते है इस लिये नेवेल एक्युपंचर में नाभी पर
एंव नाभी के आसपास एक्युपंचर की बारीक सूईयों को चुभा कर उपचार किया जाता है इसे
नेवेल एक्युपंचर उपचार कहते है यह एक्युपंचर चिकित्सा से काफी सरल एंव आशानुरूप
परिणाम देने वाली उपचार विधि है । नेवेल होम्योपंचर चिकित्सा में नाभी एंव नाभी
के आस पास डिस्पोजेबिल बारीक निडिल में होम्योपैथिक की कुछ गिनी चुनी दवाओं को
निडिल में भर कर नाभी एंव नाभी के आस पास क्षेत्र में चुभा कर उपचार किया जाता है
। नेवल एक्युपंचर हो या नेवल एक्युपंचर हो इस चिकित्सा पद्धति का मानना है कि
नाभी पर सम्पूर्ण शरीर के पाईन्ट पाये जाते है जैसा कि हमारे आयुर्वेद में भी
कहॉ गया है कि नाभी पर 72000 नाडीयॉ पाई जाती है इन 72000 नाडीयों का सम्बन्ध
हमारे सम्पूर्ण शरीर से होता है । नेवल एक्युपंच में येन यॉग को आधार मानकर तीन
चार दवाये बनाई गयी है जिनको डिपोजेबिल निडिल में भर कर नाभी के धनात्मक .ऋणात्मक
पाईन्ट पर चुभा कर जटिल से जटिल रोगों का उपचार सफलतापूर्वक किया जाता है । नेवल
एक्युपंचर एंव नेवेल होम्योपंचर चिकित्सा एक सरल उपचार विधि है इस उपचार विधि
से समस्त प्रकार के रोगो का उपचार आसानी से किया जाता है ।
नाभी चिकित्सा एंव ची नी शॉग उपचार, नेवेल
एक्युपंचर ,नेवल होम्योपंचर से
1- सौन्द्धर्य
समस्याओं का उपचार :- सौन्द्धर्य समस्याओं का उपचार जैसे
पेट पर स्ट्रेचमार्क ,ब्लैक हैड , उम्र से पहले त्वचा पर झुरूरीयॉ , बालों का
असमय सफेद होना या गिरना ,स्त्रीयों के स्त्रीय सुलभ अंगों का विकसित न होना ,
बौनापन , अत्याधिक दुबलापना ,अनावश्यक मोटापा ,स्त्रीयों के शरीर में अनावश्यक
बालों का निकलना, त्वचा पर दॉग धब्बे, त्वचा पर झुरू आदि जैसे अनेको समस्याओं
का उपचार इन चिकित्सा पद्धतियों से किया जा सकता है ।
2-शारीरिक
रोग :- नाभी चिकित्सा एंव ची नी शॉग उपचार, नेवेल एक्युपंचर ,नेवल
होम्योपंचर से पेट सम्बन्धित रोग, हिदय रोग,मिर्गी, हिस्टीरिया, दमा एंव श्वास
रोग, कैंसर ,किडनी के रोग ,पथरी , गले के रोग ,तथा अन्य विकृति विज्ञान से सम्बन्धित
समस्ये आदि के साथ समस्त प्रकार की बीमारीयों में यह उपचार विधि काफी उपयोगी है
जो भी चिकित्सक इन चिकित्सा विधियों को सीखना
चाहे वह हमारे ई मेल पर हमे सूचित कर सीख सकता है । इसकी सारी जानकारीयॉ हम
नि:शुल्क मेल पर भेजते है इसका अध्ययन घर बैठे करने के पश्चात इसका प्रेक्टिकल
प्रशिक्षण भी नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाता है । अत: जो भी चिकित्सक नेवल एक्युपंचर
या नेवल होम्योपंचर सीखने का इक्च्छुक हो वह हमारे मेल पर या जो साईड बतलाई गयी
है उससे जानकारीयॉ प्राप्त कर सकता है । नाभी उपचार या ची नी शॉग चिकित्सा जो भी
व्यक्ति सीखने का इक्च्छुक हो वह हमारे बतलाये मेल या साईड पर जा कर जानकारीयॉ
प्राप्त कर सकता है ।
ई मेल- krishnsinghchandel@gmail.com
साईड- http://krishnsinghchandel.blogspot.in
http://beautyclinict.blogspot.in/
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